राग जौनपुरी | अजय कुमार | 2025

Price range: ₹300.00 through ₹500.00

  • लेखक – अजय कुमार
  • पृष्ठ : 192 , नेचुरल शेड, साइज़: डिमाई
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किताब के बारे में  – शहर, भूगोल के साथ-साथ हमारे भीतर भी बसते हैं, इस बात को शब्दश: चरितार्थ करने वाले अजय कुमार ने इस फानी दुनिया को तो अलविदा कह दिया, पर वे अपने अनुभवों में बसे शहर को हमारे लिए रच गए हैं। यह किताब अजय जी के नज़र से देखे गए जौनपुर का रंगारंग नक़्शा है। जौनपुर के माज़ी, हाल और मुस्तकबिल को, प्यार और प्रतिरोध को, मस्जिदों-मंदिरों-गलियों-कूचों को, किस्सो-कहानियों-साहित्य को, गीत-संगीत-नाटक-नौटंकी को, इत्र और मिठाई को, और यहाँ तक कि मूलियों को भी जितने एहतराम और प्यार से इस किताब में दर्ज किया गया है, वह बेमिसाल है।
मैथिल कोकिल कवि विद्यापति ने इस शहर के बारे में लिखा था कि यहाँ ‘हिंदू तुरुक के मिलल बास’ है। अजय कुमार सदियों से चली आ रही उसी साझी गंगा-जमुनी तहज़ीब के झंडाबरदार थे, जिस पर आज भाँति-भाँति के हमले हो रहे हैं। उनकी यह गंगा-जमुनी किताब सभी फ़िरकापरस्त , नफ़रती लुटेरों के ख़िलाफ़ मनुष्य की, शहर के जिजीविषा का धडक़ता दस्तावेज़ है। जो जौनपुर को नहीं जानते हैं, उनके लिए तो यह किताब एक अनूठा दस्तावेज़ है ही, जो इस शहर को जानते हैं, उनके लिए भी बहुत कुछ नया दे जाती है।
cover

paperback, hardcover

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