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मुक्तिबोध, स्वदेश की खोज – रामजी राय (आलोचना) 2022

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  • लेखक   : रामजी राय
  • पृष्ठ        : 213, कागज़ : 70 gsm नेचुरल शेड, साइज़: डिमाई
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सांस्कृतिक और राजनीतिक एक्टिविस्ट रामजी राय पिछले तीन दशक से अधिक समय से मुक्तिबोध की कविता और चिंतन पर लगातार टिप्पणी करते रहे हैं। यह संग्रह उन्हीं विमर्शों को तरतीब से पेश किया गया संकलन है जिसमें कुल आठ अध्याय हैं। इनके नाम इस तरह हैं –  

  1. मुक्तिबोध का काव्य संसार
  2. अंत:करण और मुक्तिबोध के बहाने
  3. आत्म-अलगाव का प्रश्न और मुक्तिबोध
  4. फैन्टेसी ही क्यों ?
  5. अवचेतन, व्यक्तित्व विभाजन और रचनात्मकता
  6. वर्णाश्रम, पितृसत्ता और मुक्तिबोध 
  7. नक्सलबाड़ी का अवांगार्द कवि
  8. अमेरिका का खाड़ी युद्ध और मुक्तिबोध
Binding

Paperback, Hardcover

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