भंवर मेघवंशी की किताब ‘बाबा साहब के नाम पर’ एक तरह से दलित समाज के प्रबुद्ध वर्ग, दलित आंदोलन और उसके कार्यकर्त्ताओं से संवाद है। यह संवाद ज़मीनी स्तर पर रोज़-ब-रोज़ घटित हो रही घटनाओं के बहाने से है लेकिन यही ज़मीनी हलचलें समय बीतने के साथ इतिहास और संस्कृति का हिस्सा बन जाती हैं। भंवर मेघवंशी आज के सवालों को इतिहास के भरोसे न छोड़कर वर्तमान से मुठभेड़ कर रहे हैं। उनके उठाए सवालों से दलित आंदोलन और ज्यादा समृद्ध, समावेशी और प्रखर होगा ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए।
विमर्श
बाबा साहब के नाम पर – भंवर मेघवंशी (विमर्श) 2023 | पेपरबैक
₹260.00
- लेखक : भंवर मेघवंशी
- पृष्ठ : 174, कागज़ : 70 GSM, नेचुरल शेड, साइज़: डिमाई
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