अशोक भौमिक द्वारा सृजित किताब ‘चित्तप्रसाद और उनकी चित्रकला’ चित्रकला के विभिन्न मानकों के साथ उन चिंताओं को भी उभारती है जो इस समय सभी कलाओं के सामने खड़े हैं। इस वक़्त कलाओं को बाज़ार का माध्यम बना दिया गया है । अशोक जी की भी यही चिंता है, जिसे उन्होंने चित्त प्रसाद की कला साधना के माध्यम से सामने लाने का सफल प्रयास किया है। यह पुस्तक न केवल चित्त प्रसाद के चित्र और उनकी कला से ही परिचित करवाती है बल्कि हमारे सामने कला को लेकर जो संकट खड़े हुए हैं उनसे भी रूबरू करवाती है। कला की दिशा आज जिस तरह बदली जा रही है, नई पीढ़ी कला को लेकर जो सोच रखती है और उससे कला के भविष्य के सामने मंडराते ख़तरों को भी यहां पर रेखांकित किया गया है । इस लिहाज से यह पुस्तक वर्तमान संदर्भ में विभिन्न कलाओं के कलाकारों को एक समझ प्रदान करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। पुस्तक के एक खंड में चित्त प्रसाद से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाएं, उनके मित्रों के विचार हैं। विद्वान चिंतक सोमनाथ होर, प्रभाकर कोल्टे, प्रभास सेन, चलासानी प्रसाद राव के चित्त प्रसाद पर लिखे गए आलेख भी समाहित हैं। पोट्रेट गैलरी में चित्त प्रसाद के श्वेत श्याम चित्र भी हैं और रंगीन चित्र भी। यह पुस्तक न सिर्फ़ भारतीय चित्रकला के ऐतिहासिक संदर्भों, चित्रकारों के समक्ष चुनौतियों को उजागर करती है बल्कि एक नए सिरे से कला मानकों को तय करने, उन पर विचार करने और उनकी वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा करने के लिए प्रेरित भी करती है।
चित्रकला
चित्तप्रसाद और उनकी कला – अशोक भौमिक (चित्रकला) 2023
₹550.00 – ₹850.00
- लेखक : अशोक भौमिक
- पृष्ठ : 320, कागज़ : 70 GSM, नेचुरल शेड,
Binding | Paperback, Hardcover |
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