केरल में सामाजिक आंदोलन औए दलित साहित्य – बजरंग बिहारी तिवारी (विमर्श) 2020

490.00950.00

  • लेखक: बजरंग बिहारी तिवारी     
  • पृष्ठ: 388,  काग़ज़ : 70 gsm नेचुरल शेड, साइज़: डिमाई     
Guaranteed Safe Checkout

बीसवीं शताब्दी का पहला दशक केरल रेनेसां के आरंभ का साक्षी बना था। इस रेनेसां में ही केरल के ‘मॉडल स्टेट’ बनने की संभावना का निर्माण हुआ। स्वयं रेनेसां के बीज दासप्रथा उन्मूलन की लंबी प्रक्रिया में मौजूद थे। रेनेसां का दौर एक घोर जातिवादी समाज व्यवस्था के दरकने का दौर है। डॉ. पाल्पू ने जिस समतामूलक समाज का सपना देखा था उसे सुनियोजित ढंग से आगे बढ़ाने का कार्य उनके संगठन एसएनडीपी योगम् ने किया। श्रीनारायण गुरु रेनेसां के नायक के रूप में देखे गए। महाकवि कुमारन का जुड़ाव भी आशान योगम् से ही था। इसके बाद दलित जननायकों का आविर्भाव हुआ। अय्यनकाली और पोयिकयिल योहन्नान ने अपने-अपने तरीके से दलित जनता को जागृत और संगठित करने का प्रयास किया। इसके ठीक बाद केरल प्रदेश में कम्युनिस्टों की सक्रियता बढ़ी। राज्य के पुरोगामी तबके, खासकर दलित जनता ने कम्युनिस्ट आंदोलन का भरपूर सहयोग किया। सामाजिक-सांस्कृतिक आंदोलन से गुजरते हुए साम्यवाद राजनीतिक आंदोलन में तब्दील हुआ और एकीकृत राज्य के पहले चुनाव ने कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनायी। इस सरकार के अजेंडे पर क्या था? कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों को प्रांतीय सरकार ने किस हद तक लागू करने में सफलता पायी? इन नीतियों और कार्यक्रमों का दलित जनता पर किस तरह का असर पड़ा? भूमि सुधार के प्रयासों का क्या परिणाम रहा? परवर्ती सरकारों और परिवर्तन-विरोधी ताकतों ने क्रांति चक्र को किस तरह अवरुद्ध करना चाहा? इन तमाम सवालों के जवाब आपको इस किताब में मिलेंगे। मलयालम दलित साहित्य की प्रकृति और प्रवृत्ति का आलोचनात्मक विवेचन किताब की ख़ासियत है। विभिन्न साहित्यिक विधाओं में दलित लेखन का विकास व्यवस्थित रूप से इस पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है। सहज भाषा और ईमानदार शोधदृष्टि ‘केरल में सामाजिक आंदोलन और दलित साहित्य’ पुस्तक को पठनीय बनाते हैं।

Binding

Paperback, Hardcover

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.

Shopping Cart
केरल में सामाजिक आंदोलन औए दलित साहित्य – बजरंग बिहारी तिवारी (विमर्श) 2020
490.00950.00Select options
Scroll to Top