106 पृष्ठों में संकलित यह किताब हिंदी में प्रकाशित होने वाली संभवत: पहली किताब है जिसमें किसान आंदोलन को उसकी ऐतिहासिकता और वर्तमान सन्दर्भों के साथ एक जगह दर्ज किया गया है। इस किताब के अधिकांश लेख और रचनाएँ पंजाबी से अनूदित हैं। किताब तीन हिस्सों में विभाजित है – ऐतिहासिक सन्दर्भ, किसान आंदोलन का वर्तमान परिदृश्य और इसका पंजाबी और हिंदी साहित्य में प्रभाव।
इस संकलन का संपादन हिंदी भाषा और साहित्य के स्कॉलर बलवन्त कौर और विभास वर्मा ने किया है और आवरण की संकल्पना मशहूर डिज़ाइनर अपराजिता शर्मा की है।
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