किताब के बारे में :
21 वीं सदी के दूसरे दशक में उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया में क्रान्तिकारी विद्रोह की लहरें देखी गई, जो निस्संदेह सबसे अविस्मरणीय ऐतिहासिक घटनाओं में से एक थीं। उन्होंने न केवल कई नस्लवादी रूढ़ियों को तोड़ा एवं क्षेत्र के बारे में कई मिथकों को खारिज किया, बल्कि अधिकांश क्रातिकारी स्थितियों की तरह जबरदस्त ऊर्जा-एक सामूहिक उत्साह, नवीकरण की एक अद्वितीय भावना और राजनीतिक चेतना में बदलाव को जारी किया। हालांकि, एक दर्जन देशों में फैले विभिन्न जन आन्दोलनों ने खुद सत्तावादी एवं प्रति क्रान्तिकारी ताकतों के खिलाफ खड़ा पाया जो उन्हें दबाने पर आमदा थे।
‘अरब विद्रोह – संघर्षों के एक दशक’ इन्हीं संदभों के कुछ बेहतरीन विद्वानों कार्यकर्ताओं, प्रतिभागियों एंव गवाहों के साथ इन ऐतिहासिक क्षणों का पुनरावलोकन करती हैं। इस क्षेत्र, इनके लोगों एवं उनके विदोहों के बारे में गलतफहमियों को चुनौती देते हुए इस संग्रह में विभिन्न योगदान कुछ प्रमुख उपलब्धियों एवं कमियों को दशति हैं और भविष्य के लिए सबक लेते हैं।
यह पुस्तक मिरियम औरघ एवं हमजा हामोचेन द्वारा सम्पादित है और इसके लेखकों में एडम हनीह, घासेन बेन रवलीफा, मुस्तफा वासियौनी, एनी एलेक्जेंडर , अली अमौजाई, रफीक जियादाह, यासिर मुनीफ, मुजान अलनील, जहरा अली, रीमा मजीद और लालेह खलीली आदि हैं।
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