जीवन की पाठशाला- 1975 से 1985 के बीच शिक्षक जीवन के अनुभव, सीख और सबक – प्रो जवरीमल्ल पारख 2024 (संस्मरण) | पेपरबैक

390.00

  • लेखक : प्रो जवरीमल्ल पारख
Purchase & earn 20 points!
Guaranteed Safe Checkout

‘जीवन की पाठशाला’ प्रसिद्ध सिने अध्येता और शिक्षक प्रो जवरीमल्ल पारख द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक छोटे शहर अमरोहा में 1975 से 1987 की बीच बतौरअध्यापक कॉलेज में बिताये समय के दस्तावेज़ हैं जो 26 अध्यायों में लिखे गए हैं।

हिंदी में सम्भवत: यह पहली किताब होगी कि जो कॉलेज के जीवन के बहाने उत्तर भारत के क़स्बे की दूसरी कथाओं पर भी दृष्टि डाल पाती है।

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.

Shopping Cart
जीवन की पाठशाला- 1975 से 1985 के बीच शिक्षक जीवन के अनुभव, सीख और सबक - प्रो जवरीमल्ल पारख 2024 (संस्मरण) | पेपरबैकजीवन की पाठशाला- 1975 से 1985 के बीच शिक्षक जीवन के अनुभव, सीख और सबक – प्रो जवरीमल्ल पारख 2024 (संस्मरण) | पेपरबैक
390.00 Purchase & earn 20 points!
Scroll to Top