किताब के बारे में :
प्रसिद्ध कवि लाल्टू का यह संग्रह वर्तमान राजनीतिक एवं प्रशासनिक विकृतियों की शिनाख़्त करते हुए उनके विरुद्ध रचनाकार का प्रतिरोध रचता है और किसी भी राष्ट्र अथवा कालखण्ड में होने वाली अमानुषिक गतिविधियों तथा उनके परिणामों के प्रति हमें आगाह भी करता है।
उनका यह संकलन हत्यारों के अट्टहास के शिकार धरती के प्रत्येक प्राणी को समर्पित है, अतः इस संग्रह को तमाम मानव विरोधी शक्तियों के विरुद्ध कवि के प्रतिरोध के रूप में देखा जाना चाहिए।
इस किताब में छल और अत्याचार से भरे अपने मस्तिष्क के प्रयोग से आम इंसानों के जेहन पर अधिकार कर लेने वाले एक शैतान का एकालाप है तो एक शासक के रूप में जनता के साथ उसके संवाद और विवाद की तेज़तर्रार छवियाँ भी। समर्थ कवि लाल्टू के इस कविता-संग्रह ‘चुपचाप अट्टहास’ की समस्त कविताएं वस्तुतः एक ही शृंखला की कड़ियाँ हैं। संभवतः इसीलिए कवि ने इन कविताओं को अलग-अलग शीर्षक देने की जगह क्रम संख्या के आधार पर रखा है।
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